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मंदिर (प्रस्तावना)

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भारतीय सभ्यता - संस्कृति में मंदिरों का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। मंदिर संस्कृत का शब्द है, जो मूलतः मंद (मंद धातु + किरच प्रत्यय) शब्द से बना माना जाता है। यह शब्द शिथिलन व विश्रांति का वाचक होने से मूलतः गृह (घर) के लिए प्रयुक्त होता था, जो कालांतर में अर्थांतरित होकर देवगृह के लिए रूढ़ हो गया। अनेक विचारक इसकी व्युत्पत्ति मन शब्द से निकलते हैं, जिसका आशय आध्यात्मिक मनन बताते हैं लेकिन यह विद्वानों के अनुसार व्याकरण सम्मत नहीं है। मंदिर के प्रयाय के लिए प्रयुक्त अंग्रेजी का टैम्पल (Temple) शब्द मूलतः लैटिन भाषा के (Templum) शब्द से बना है। वहां प्राचीन यूनानी धर्म के देवालय रूपी उपासना स्थलों में मूर्तिपूजा का विधान था, जिन्हें temple कहा जाता था। कालांतर में वह परंपरा क्रमशः अब्राहमी धर्मों के प्रभाव के साथ लुप्तप्राय हो गई।  भारतीय धर्मों (सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म आदि) में उपासना स्थल को मंदिर कहा जाता है। यह आराधना और पूजा अर्चना के लिए निश्चित किया गया देवस्थान है, जहां किसी आराध्य देव के प्रति ध्यान या चिंतन किया जाता है अथवा मूर्ति (प्रतिमा में

मंदिर निर्माण कला

मंदिर का महत्त्व

मंदिर का इतिहास

मंदिर निर्माण के प्रारंभ के संबंध में विभिन्न विद्वानों में काफी मतभेद है लेकिन अधिकांश विद्वानों ने शक्तिपीठों और ज्योतिर्लिंगों को सबसे प्राचीनतम मंदिर माना है। भगवान राम के काल में माता सीता द्वारा माता गौरी  (पार्वती) की पूजा का जिक्र भी कई धार्मिक ग्रंथों में इस बात को प्रमाणित करता है कि भगवान विष्णु के राम अवतार के समय मंदिर अस्तित्व में आ चुका था। भगवान राम का काल आज से लगभग सात हजार वर्ष पूर्व (लगभग 5114 ई.पु.) माना जाता है। इसी प्रकार महाभारत काल में कृष्ण के साथ रुक्मिणी और अर्जुन के साथ सुभद्रा के भागने के दौरान दोनों नायिकाओं द्वारा देवी पूजा के लिए वन में स्थित माता गौरी (पार्वती) के मंदिर में पूजा अर्चना का जिक्र मिलता है। इसके अलावा महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले कृष्ण पांडवों के साथ गौरी माता के स्थल पर जाकर विजय प्राप्ति हेतु माता की पूजा का जिक्र भी मिलता है। प्राचीनकाल में यक्ष देवता, नाग देवता, भगवान शिव, माता पार्वती, माता दुर्गा, भैरव, इंद्र, और भगवान विष्णु की पूजा और प्रार्थना का प्रचलन था।सोमनाथ के मंदिर के होने का ऋग्वेद में भी उल्लेख मिलता है। इससे यह सि

51. प्रेम मंदिर, वृंदावन

50. नीलकंठे श्वर मंदिर, उदयपुर